यहाँ हमने Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi दिये है। Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi आपको अध्याय को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे और आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे।
Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण
- अर्थ :- किसी का, किसी को अपनी ओर खींचना।
- विशेषता:- उनका द्रव्यमान होना चाहिए।
- खोजकर्ता :- न्यूटन
परिभाषा:- किन्हीं दो पिंड़ों के मध्य लगने वाला आकर्षण बल, गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है। जिनकी निम्न विशेषताएँ होती है :-
- पिंडों के द्रव्यमानों के गुणनफल के समानुपाती होता है।
- पिंडों के बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 1 गुरुत्वाकर्षण](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/distance.webp)
\(F=G\frac{m_1m_2}{r^2}\)
जहाँ G एक नियतांक है जिसकी विशेषताएँ :-
- यह एक सार्वत्रिक नियतांक है।
- माध्यम पर निर्भर नहीं करता है।
- G का मान 6.67 x 10-11 Nm2/kg2
- G का विमीय समीकरण – [M-1L3T-2]
गुरुत्वाकर्षण बल का सदिश निरूपण
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 2 गुरुत्वाकर्षण बल](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/vector-gravition.webp)
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 3 गुरुत्वाकर्षण बल](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/force-vector.webp)
वस्तु / पिण्ड युग्म में एक दूसरे को एक समान मात्रा वाले बल से आकर्षित करते है चाहे उनका द्रव्यमान किसी भी अनुपात में क्यों न हो।
(i) गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र / गुरूत्वीय क्षेत्र
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 4 गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/Screenshot-2023-08-12-103240.png)
किसी पिण्ड/वस्तु के चारों ओर का वह क्षेत्र (स्थान) जिसमें अन्य पिण्ड/वस्तु के प्रवेश करते ही वह आकर्षण बल अनुभव करे तो वह क्षेत्र पिण्ड की गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र कहलाता है।
ii) गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता / गुरुत्वीय त्वरण :-
गुरुत्वीय क्षेत्र में स्थित एकांक द्रव्यमान वाली वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता कहलाता है।
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 5 गुरुत्वीय त्वरण](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/gravition-intensity.webp)
- गुरुत्वीय क्षेत्र की तीव्रता होगा :- \(E=\frac{GM}{r^2}\)
- मात्रक :- मी॰/सेकंड2
- विमीय समीकरण :- M0L1T-2
गुरुत्वीय त्वरण (g) की उचाई पर निर्भरता:- पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण धरातल से ऊंचाई बढ्ने के साथ-साथ कम होता जाता है।
गुरुत्वीय त्वरण (d) की गहराई पर निर्भरता:- गहराई “d” बढने के साथ-साथ गुरुत्वीय त्वरण का मान घटता जाएगा व केंद्र पर 0 हो जाएगा।
ध्रुवों से विषवत रेखा की ओर चलने पर g का मान घटता जाता है तथा विषवत रेखा से ध्रुवो की ओर चलने पर g का मान बढता जाता है।
गुरुत्वीय स्थिति ऊर्जा (U)/गुरूत्वीय विभव (V)
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 6 गुरुत्वीय स्थिति ऊर्जा](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/Screenshot-2023-08-12-105525.png)
जब तक वस्तु / पिण्ड गुरुत्वीय क्षेत्र से बाहर (अनन्त) है तब तक उस पर कोई गुरुत्वीय बल नहीं लगेगा।
जैसे ही कोई पिण्ड गुरुत्वीय क्षेत्र में प्रवेश करे, तो उस पर गुरुत्वाकर्षण कार्य करने लगता है जिसकी वजह से वह पिण्ड पृथ्वी के धरातल पर पहुँच जाता है । गुरुत्व बल द्वारा समान कार्य पिण्ड की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा कहलाता है।
Chapter 2: मात्रक और मापन
Chapter 3: सरल रेखा मे गति
Chapter 4: गति के नियम
Chapter 6: कार्य, शक्ति एवं ऊर्जा
Chapter 7: कणों के निकाय तथा घूर्णी गति
पृथ्वी की सतह पर पिंड की स्थितिज ऊर्जा होगी:-
Us = -\(\frac{-GM_em}{R_e}\)
पृथ्वी के अन्दर r दूरी पर [r<Re] m की स्थितिज ऊर्जा:-
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 7 स्थितिज ऊर्जा](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/formula.webp)
गुरुत्वीय विभव
- एकांक द्रव्यमान वाले पिंड को अनन्त से गुरुत्वीय क्षेत्र में स्थित किसी बिन्दु पर लाने के लिए किया गया कार्य उस बिन्दू का गुरुत्वीय विभव कहलाता है।
- m द्रव्यमान के पिंड को पृथ्वी सतह से h ऊंचाई तक ले जाने मे किये जाने वाले कार्य = mgh
पलायन वेग:- वह वेग जिस वेग से वस्तु गुरुत्वीय छेत्र को पार कर जाती है, पलायन वेग कहलाता है।
Ve = 11.2Km/s
ग्रहों के सम्बन्ध में केप्लर नियम :-
- सभी ग्रह दीर्घ वृताकार कक्षाओं में चक्कर लगाते है। जिनकी नाभि (केन्द्र) पर सूर्य स्थित होता है।
- सूर्य और ग्रहों के मध्य की रेखा (त्रिज्या) द्वारा समान समय-अन्तरालों में पार किये गए क्षेत्रफल एक समान होते है।
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 8 ग्रहों के सम्बन्ध में केप्लर नियम](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/Screenshot-2023-08-12-111000.png)
ग्रह के आवर्तकाल का वर्ग त्रिज्या के धन के समानुपाती होता है अर्थात् T2 ∝ r3
भारहीनता :-
कोई भी वस्तु भारहीन अवस्था में तब मानी जाती है जब उस पर कार्यरत प्रतिक्रिया का मान शून्य हो।
Example: घूमते समय उपग्रह भारहीन अवस्था में होता है।
कृत्रिम उपग्रह
सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाला, ग्रह कहलाता है। ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाने वाला उपग्रह कहलाता है।
उपग्रह दो प्रकार के होते है :-
- प्राकृतिक उपग्रह
- कृत्रिम उपग्रह
चन्द्रमा पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह कहलाता है जबकि प्रयोगशालाओं में बनाए जाने वाले उपग्रह, कृत्रिम उपग्रह कहलाते है। जैसे:- आर्यभट्ट, स्पूतनिक, एप्पल-I व II, रोहिणी, इनसेट
कक्षीय वेग
जब कोई सेटेलाइट / उपग्रह पृथ्वी की किसी गुरुत्वीय सीमा में वृत्ताकार पथ में चक्कर लगाते है तो इनका यह वेग, कक्षीय वेग कहलाता है। कक्षीय वेग की दिशा वृताकार पथ पर खींची गई स्पर्श रेखा के अनुदिश होती है।
![Class 11 Physics Chapter 8 Notes in Hindi गुरुत्वाकर्षण 9 कक्षीय वेग](https://readaxis.com/wp-content/uploads/2023/08/Screenshot-2023-08-12-111704.png)
इसे Vo से लिखा जाता है।
Vo =\(\sqrt{gsr}\)
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