Class 10 Hindi Chapter 8 Sparsh Solution- कर चले हम फ़िदा

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1. क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?

उत्तर:- हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है क्योकि सन 1962 के भारत –चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के आधार पर इसे लिखा गया था। चीन में तिब्बत के रास्ते के सहारे घुस कर हमला करना चाहा और हमारे वीर जवानो ने भी इसका वीरता से मुकाबला किया। 

प्रश्न 2. ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?

उत्तर:- ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’,  इस पंक्ति में हिमालय को भारत का मान-सम्मान का प्रतिक बताया है। हिमालय एक प्रकार से हमारे देश का ताज है और इस ताज की अथार्त भारत के मान-सम्मान के लिए कई विरो ने अपना बलिदान दिया ताकि वह कभी झुके नहीं और हमारा गौरव बना रहे  ।

प्रश्न 3. इस गीत में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है?

उत्तर:- कवी ने यहाँ दुल्हन के जोड़े की तुलना रक्त से बताई है। जिस प्रकार एक दुल्हन लाल जोड़ा पैंटी है उसी प्रकार युद्ध भूमि में हमारे नोजवानो की बलि से यह धरती भी लाल हो गई। सब जगह रक्त है अथार्त धरती दुल्हन की तरह दिखाई दे रही है।

प्रश्न 4. गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?

उत्तर:- गीत में सुर, लय, भावनात्मकता ,संगीतात्मकता ,लयबद्धता , सच्चाई आदि गुण  होते हैं जिसके कारण वे जीवन भर याद रह जाते हैं। भावनात्मकता से अर्थ है की गीत भाव हमारे अंडर बस जाते है। संगीतात्मकता से तात्पर्य है की जब हम कोई चीज गेट है तो वह हमारे मन में अधिक समय के लिए रहती है। लयबद्धता से मतलब है की कविता और गीत में एक लय बन जाती है जिससे उसे याद रखना आसान हो जाता है।

प्रश्न 5. कवि ने ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?

उत्तर:- कवि ने ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग सेनिको के साथियों और देशवासियों के लिए किया है। सैनिक अपने मरने पर अपने दूसरे साथियों से विनती करता है की अब तुम इस धरती की रक्षा करो और वो देशवासियो को भी प्रेरित करता है। वह देश वासियों से कह रहा है की तुम भी देश की रक्षा अपने परिवार के साथ रह कर भी कर सकते हो। तुम देश में शांति बनाये रखो , भ्रष्टाचार करने वालो को रोकने का प्रयास करो , हम सैनिक तो अपना बलिदान दे देते है तुम हमारे परिवार की रक्षा करो , दुसरो की सहयता करने से हिचकिचाना नहीं है।

प्रश्न 6. कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?

उत्तर:- कवि ने इस कविता में देश पर न्योछावर होने वाले काफ़िले अथार्त सैनिक के बलिदान को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है। वह कह रहे है की हम सैनिक तो मृत्यु को प्रदान हो गए पर तुम इस काफ़िले को आगे बढ़ायो।  अपनी देश की रक्षा हेतु बलिदान देने के लिए तत्पर रहो।

प्रश्न 7. इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?

उत्तर:- ‘सर पर कफ़न बाँधना ‘ एक मुहावरा भी है जिसका अर्थ है मृत्यु को प्राप्त हो जाना यानि मृत्यु को गले लगा लेना। गीत में कवी कह रहे है की देश की रक्ष के लिए अपने प्राण त्यागने को हमेसा तैयार रहना है। कफ़न साथ लेके चलना है उसे हमे कभी उतरना नहीं है। ‘सर पर कफ़न बाँधना’ इस बात की ओर ही संकेत करता है की हमे अपने प्राण भी न्योछावर करने पड़े तो हमे वो अपनी मातृभूमि के लिए करना चाहिए ।

प्रश्न 8. इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:- कवी ने कविता को सैनिक की भाषा में प्रस्तुत किया है।  सैनिक कहता है की वह अपने देश के मन के लिए अपने प्राण देने को भी तैयार है। जब उसकी मृत्यु निकट आती है तो वह अपने अन्य साथियों से भी यह उम्मीद रखता है की वे भी डेस्क की रक्षा में हमेशा तत्पर रहेंगे।  वह देशवासियों से भी कहता है की यह बलिदान का जो क्रम है जो काफिला है ये टूटना नहीं चाहिए। अगर आज कोई सैनिक मरा है तो कल दूसरे सैनिक खड़े होने चाहिए। देश पर अपने प्राण न्योछावर करने का मौका सबको नहीं मिलता है इसलिए उसे स्वीकार कर लेना चाहिए।

(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1.

साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

उत्तर:- इन पंक्तियों का भाव यह है जब सैनिक की मृत्यु पास आ रही है ,उनकी साँस कम होती जा रही है और उनकी नसे भी अब धड़कना बंद कर रही परन्तु फिर भी वे अपने कदम रोक नहीं रहे है।  सामने शत्रुओं की फौज है और को मरते डीएम तक उनसे लड़ना चाहते है , उन्हें हराना चाहते है।

प्रश्न 2.

खींच दो अपने खू से जमीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई

उत्तर:-  इन पंक्तियों का भाव यह है की जिस प्रकार लक्ष्मण ने लक्ष्मण  रेखा खींची थी ताकि कोई रावण उनकी भूमि पर न आ पाए। उसी प्रकार से सैनिक भी अपने लहू से एक लकीर खींच देना चाहते है जिसे पर करके कोई शत्रु नहीं आ सकता है। 

प्रश्न 3.

छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो

उत्तर:- प्रस्तुत पंक्ति में कवी ने राष्ट्रभूमि की तुलना सीता जी से की है और कहा है की जिस प्रकार सीता जी की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण थे अब इस धरती की रक्षा के लिए तुम हो। हम सैनिक के मरने के बाद तुम्हे ही इस देश के सम्मान को बनाये रखना है और इसके ताज को सदैव ऊपर रखना है।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1. इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए हैं। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे

उत्तर:-

कट गए सर– बलिदान हो गए।

हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए कई वीर जवानो के सर काट गए।

नब्ज़ जमती गई- नसों में खून जमता गया।

मृत्यु के निकट आने पर और ब्ज़ जमने पर भी वीर घबराता नहीं।

जान देने की रुत- मातृभूमि के लिए कुरबान होने का अवसर।

देश के लिए जान देने की रुत का अवसर हर किसी को प्राप्त नहीं होता।

हाथ उठने लगे- जब किसी को कुछ ऐसा मिल जाता है जो उसका न हो और उसके नही चाहते हुए भी वह उसी का हो जाता है ।

जब पिता की वसीयत पर सब हाथ उठाने लगते है तो घर में कलेश की स्थति उत्पन्न हो जाती है।

प्रश्न 2. ध्यान दीजिए संबोधन में बहुवचन ‘शब्द रूप’ पर अनुस्वार का प्रयोग नहीं होता; जैसे- भाइयो, बहिनो, देवियो, सः जनो आदि।

उत्तर:-  छात्र इन उदाहरणों के माध्यम से समझें-

भाइयो और बहिनो – भाइयो और बहिनो ! अपने-अपने समान का ध्यान स्वयं रखे।

देवियो- देवियो! नवरात्री के उपलक्ष में कन्या बनकर हमारे घर जरूर पधारना।

सज्जनो- सज्जनो! कृपा शांति बनाये रखे।

योग्यता विस्तार

प्रश्न 1. कैफ़ी आज़मी उर्दू भाषा के एक प्रसिद्ध कवि और शायर थे। ये पहले गज़ल लिखते थे। बाद में फ़िल्मों में गीतकार और कहानीकार के रूप में लिखने लगे। निर्माता चेतन आनंद की फ़िल्म ‘हकीकत’ के लिए इन्होंने यह गीत लिखा था, जिसे बहुत प्रसिद्धि मिली। यदि संभव हो सके तो यह फ़िल्म देखिए।

उत्तर:- छात्र अपने माता-पिता की मदद से यह फ़िल्म देखें।

प्रश्न 2. ‘फ़िल्म का समाज पर प्रभाव’ विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।

उत्तर:- आज के दोर में फिल्म का कार्य केवल मनोरंजन प्रदान करने तक नहीं रह गया है बल्कि सन्देश और सिख देने के लिए भी इसका उपयोग भरपूर रूप से हो रहा है। समाज से ही क्रियाओ को उठाकर उसे बड़े परदे पर दिखाया जाता है और वही से सिख कर कुछ लोग इसे फिर समाज में ही जगह देते है। यह एक चक्र के समान कार्य करता है। जीवन की क्रियाये परदे पर फिर वह से फिर जीवन में। ‘हक्कीकत’ फिल्म की गिनती भी सन्देश देने वाले में आती है। इस फिल्म में देशभक्ति को अनोखे रूप में दर्शाया है।इस  फिल्म को देख कर किसी में भी जोश भर जाएगा।  यह फिल्म एक प्रेरणा है की चाहे कितनी ही बुरी परिस्थिति क्यों न हो हमारे सैनिक वीरता से उसका सामना करते है और अपना बलिदान देने के लिए भी तत्पर रहते है।

प्रश्न 3. कैफ़ी आज़मी की अन्य रचनाओं को पुस्तकालय से प्राप्त कर पढ़िए और कक्षा में सुनाइए। इसके साथ ही उर्दू भाषा के अन्य कवियों की रचनाओं को भी पढ़िए।

उत्तर:- ये बुझी सी शाम ये सहमी हुई परछाइयाँ

ख़ून-ए-दिल भी इस फ़ज़ा में रंग भर सकता नहीं
आ उतर आ काँपते होंटों पे ऐ मायूस आह
सक़्फ़-ए-ज़िन्दाँ पर कोई पर्वाज़ कर सकता नहीं
झिलमिलाए मेरी पलकों पे मह-ओ-ख़ुर भी तो क्या?
इस अन्धेरे घर में इक तारा उतर सकता नहीं
लूट ली ज़ुल्मत ने रू-ए-हिन्द की ताबिन्दगी
रात के काँधे पे सर रख कर सितारे सो गए
वो भयानक आँधियाँ, वो अबतरी, वो ख़लफ़शार
कारवाँ बे-राह हो निकला, मुसाफ़िर खो गए
हैं इसी ऐवान-ए-बे-दर में यक़ीनन रहनुमा
आ के क्यूँ दीवार तक नक़्श-ए-क़दम गुम हो गए
देख ऐ जोश-ए-अमल वो सक़्फ़ ये दीवार है
एक रौज़न खोल देना भी कोई दुश्वार है

प्रश्न 4. एन० सी० ई० आर० टी० द्वारा कैफ़ी आज़मी पर बनाई गई फ़िल्म देखने का प्रयास कीजिए।

उत्तर:- छात्र स्वयं करें।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1. सैनिक जीवन की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक निबंध लिखिए।

उत्तर:- छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2. आज़ाद होने के बाद सबसे मुश्किल काम है ‘आज़ादी बनाए रखना’। इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।

उत्तर:- आजादी किसे प्रिय नहीं है। इसको पाना जितना कठिन है उससे भी कठिन कार्य इसे बनाए रखना है। आजादी पाने के लिए कितने युद्ध करने पड़ते है, कितने वीर योद्धा की जान जाती है और कितना त्याग और परिश्रम होता है। आजादी के लिए लड़ने के समय जो लोग एकत्रित होकर कार्य कर रहे थे आज उनमे जाती ,दरम, भाषा और सम्प्रदाय के नाम पर फुट पड़ गई है। हमारी एकता का अनेकता में बदलने का भय रहता  है।  क्योकि हमारी एकता के बल पर ही हमने हमारी स्वतंत्र हांसिल की थी।

जब ऐसी परिस्थिति आ जाती है तब हमारे शत्रुओं को हम पर आक्रमण करने का सही अवसर मिल जाता है। वह इस में और फुट डालने का प्यास करते है। भेदभाव की भावना को जन्म देते है और हमे आपस में लड़वाते है। हमे हमारी स्वतंत्रता को बचाये रखने एवं बनाये रखने के लिए हमारी एकता को भी बनाये रखना होगा।

प्रश्न 3. अपने स्कूल के किसी समारोह पर यह गीत या अन्य कोई देशभक्तिपूर्ण गीत गाकर सुनाइए।

उत्तर:- छात्र स्वयं करें।

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लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. ‘कर चले हम फ़िदा जानो तन’ से सैनिको की क्या अपेक्षाएं है ?

उत्तर:- ‘कर चले हम फ़िदा जानो तन’ से सैनिको की अपेक्षाएं है की उनके जाने के बाद इस देश की रक्षा के लिए दूसरे सैनिक उठ क्र सामने आये।  देशवासियों से विनती है की यह जो एक काफिला शुरू हुआ है वो ख़त्म न हो। देश के समान के लिए अगर अपने प्राण भी त्यागना पड़े तो इसमें संकोच ना करे और ख़ुशी-ख़ुशी अपना बलिदान दे दे।

प्रश्न 2. सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए किन-किन परिस्थितियाँ का सामना किया ?

उत्तर:-  सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए कई परिस्थितियाँ का सामना किया है। उन्होंने देश की रक्षा हेतु अपना सर तक कटवाया है। जब वह बॉर्डर पर खड़े होकर दुश्मन से लड़ते है तब वह अपने परिवार के बारे में सोचते है परन्तु उनका परिवार केवल एक घर नहीं बल्कि पूरा देश है। इसीलिए वो निडर होकर लड़ते है। मृत्यु तक निकट आजाती है साँस लेने में भी परेशानी आने लगती है और नसे भी धड़कना बंद करने की स्थति में आ जाती पर फिर भी वे अपने कदम पीछे नहीं करते और बहादुरी से दुश्मनो का सामना करते है। 

प्रश्न 3. सैनिकों ने किस प्रकार हिमालय का सिर झुकने नहीं दिया ?

उत्तर:- कविता में ‘हिमालय का सिर’ का तात्पर्य देश के मान-सम्मान से है। हिमालय हमारे देश का ताज है। जब इस ताज पर कोई अपनी आँखें भी उठाये तो हमारे सैनिक उसे वह भी नहीं करने देंगे। वह खुद का बलिदान तक करने को तैयार है पर देश का सम्मान , देश का गौरव रूपी हिमालय को नहीं झुकने देंगे।

प्रश्न 4. ‘मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो’  से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर:- ‘मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो’ से तात्पर्य है की मृत्यु को गले से लगा कर चलना। सैनिक को अपनी जान से कोई मोह नहीं होता है अगर उसे वह प्राण अपनी धरती के लिए त्यागने पड़े तो वह इसे त्याग देगा । सैनिक कह रहा है की हम भले ही मरने की स्थिति तक आ पहुचे हो पर हम हमारे कदम फिर भी नहीं रोकेंगे।

प्रश्न 5. अपना बलिदान देकर भी सैनिक गर्व की अनुभूति क्यों कर रहे है?

उत्तर:- अपना बलिदान देकर भी सैनिक गर्व की अनुभूति कर रहे है क्योकि उनका मानना है की जीने के लिए तो हमारे पास कई कारण होते है। किसी के लिए शादी , किसी के लिए माँ-बाप तो किसी के लिए उनका काम परन्तु देश के लिए अपने प्राण देने का अवसर हर किसी को प्राप्त नहीं होता है।  यह अवसर सेनिको को मिला है और वो अपने देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए है इसलिए वे अपना बलिदान देकर भी सैनिक गर्व की अनुभूति कर पा रहे है। 

प्रश्न 6. ‘आज धरती बनी है दुलहन साथियो’ ऐसा सैनिक क्यों कह रहे है?

उत्तर:- ‘आज धरती बनी है दुलहन साथियो’ ऐसा सैनिक इसलिए कह रहे है क्योकि जैसे दुल्हन लाल वस्त्रो में सजी हुई होती है वैसे ही सेनिको के लहू से यह धरती भी लाल हो गई है मानो यह भी दुल्हन का ही रूप है ।

प्रश्न 7. सैनिक अपने जीवन को किस प्रकार सार्थक मानता है ?

उत्तर:- एक सैनिक अपने जीवन का हर पल अपने देश के हिट के लिए जिना चाहता है।  वह अपने देश को अलग उचाईयो पर पहुंचना चाहता है। वह अपने देश के गौरव को बनाये रखना चाहता है। अपनी माटी के ताज को झुकने नहीं देना चाहता है। अपनी भूमि पर अगर कोई आँख उठा कर भी देखे तो वह उससे लड़ लेगा। यह सब करने के लिए अगर यह भूमि उससे सके प्राण भी मांगे तो वह प्राण देने को भी तैयार है। जब उसका जीवन और मरण दोनों ही देश के लिए होता है तो वो अपने जीवन को सार्थक मानता है।

प्रश्न 8. ‘ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर, जान देने की रुत रोज़ आती नहीं ‘ से कवी का क्या तात्पर्य है ?

उत्तर:- ‘ज़िंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर, जान देने की रुत रोज़ आती नहीं ‘ से कवी का क्या तात्पर्य है की जीवन को जीने के लिए तो सबके पास अनेक अवसर है अनेक कारण है परन्तु देश के लिए अपने प्राणो को न्योछावर करने का अवसर हर किसी के पास नहीं।

प्रश्न 9. निरंतर कुर्बानिया देने के लिए कवी ने किस प्रकार प्रेरित किया है ?

उत्तर:- निरंतर कुर्बानिया देने के लिए कवी ने देशवासियों से विनती की है की जब सैनिक की मृत्यु निकट हो और वह शहीद हो जाये तो तुम उसकी जगह लेना। इस भूमि की रक्षा के लिए तुम भी अपना कर्त्तव्य निभाना। सेनिको ने जो काफिला शुरू किया है उसे तुम आगे बढ़ाते चलना उसे कभी रुकने मत देना ।

प्रश्न 10. कविता में किस शब्दावली का प्रयोग उभर कर आ रहा है ?

उत्तर:- कविता में उर्दू शब्दावली का प्रयोग उभर कर आ रहा है।

प्रश्न 11. सैनिक देशवासियों से क्या अपेक्षाएं रखते है ?

उत्तर:- सैनिक देशवासियों से अपेक्षाएं रखते है की वे वतन में शांति बनाये रखे। वह वतन के भीतर रह कर भी देश की रक्षा कर सकते है। भाई-भाई से वह द्वेष और ईर्ष्या की भावना ना रखे बल्कि एक-दूसरे का सहारा बने। सबकी सहायता के लिए अपने हाथ हमेशा बढ़ाये और इस सोच के साथ ही अगर कभी देश के लिए अपने प्राण कुर्बान करना पड़े तो संकोच नहीं करे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता युवाओं में राष्ट्र प्रेम और देशभक्ति की भावना किस प्रकार दर्शाई है ?

उत्तर:-  ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता युवाओं में राष्ट्र प्रेम और देशभक्ति की भावना एक सैनिक के नज़रिये से ही दर्शाई है। सैनिक ने हिमालय की तुलना देश के मान से करके उसे कभी न झुकने देना का वचन लिया है। मृत्यु को भी गले लगाने को तैयार है पर अपने देश को हानि पहुंचते हुए देखना उन्हें मंजूर नहीं। उन्होंने एक सिलसिला शुरू किया है जिसमे उनकी मृत्यु हो जाने पर भी देश की रखस के लिए दूसरे नौजवान खड़े रहे। अपनी सीता माँ जैसी धरती पर किसी रावण के प्रकार का शत्रु उसे हानि नहीं पंहुचा सकता। क्योकि अब राम और लक्ष्मण के भाति मेरे साथी इस मिटटी की इस भूमि की रक्षा करेंगे।

प्रश्न 2. ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- ‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध का मर्मस्पर्शी वर्णन है। यह कविता एक ओर भारतीयों के साहस तथा वीरता का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत करती है, साथ ही उनके त्याग एवं बलिदान की अनुपम गाथा भी दोहराती है। यह कविता अपने रचना काल में जितनी प्रासंगिक थी उससे कहीं अधिक आज प्रासंगिक है। आज देश में पड़ोसी देश से जब घुसपैठ का खतरा बढ़ा है, जयचंदों की संख्या बढ़ी है तथा लोग भाषा, जाति, क्षेत्र, धर्म आदि के नाम पर अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हों, तब इस कविता की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। यह कविता वीरों का उत्साह बढ़ाने और युवाओं में राष्ट्रभक्ति प्रगाढ़ करने के लिए अधिक प्रासंगिक है।

प्रश्न 3. ‘छू न पाए सीता का दामन कोई, राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो ‘ का प्रयोग किस प्रकार किया गया है ?

उत्तर- ‘छू न पाए सीता का दामन कोई, राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो ‘ का प्रयोग कविता में  कवी ने राष्ट्रभूमि की तुलना सीता जी से और राम और लक्समन की तुलना अपने सैनिक साथियों से करने के लिए किया  है।  जिस प्रकार सीता जी की रक्षा के लिए राम और लक्ष्मण थे अब इस धरती की रक्षा के लिए उनके मित्र जोकि सेनिका है वो तत्पर रहेंगे । सैनिक के मरने के बाद देशवासियों को भी ही इस देश के सम्मान को बनाये रखना होगा।

प्रश्न 4. कवि ने सीता , रावण ,राम और लक्षमण का उदहारण क्यों लिया है ?

उत्तर:- कवि ने मातृभूमि को सीता मैया की तरह बताया है और शत्रु को रावण के समान। अपनी मातृभूमि पर अपने रक्त से लक्षमण लकीर खींचने की बात कही ताकि कोई रावण के प्रकार शत्रु हमारी सीता मैया जैसी धरती पर न आ पाए। सीता मैया की रक्षा के लिए राम और लक्षमण दोनों थे। दोनों ने अपना कर्त्तव्य निभाया है। उनके ही तरह देशवासियों को सेनिको को नहीं अपना कर्त्तव्य निभाना चाहिए। इसी सन्देश को देने के लिए कवि ने सीता , रावण ,राम और लक्षमण का उदहारण लिया है। 

प्रश्न 5. सैनिक को कौनसी बात सता रही है और क्यों ?

उत्तर:-  सैनिक को यह बात सता रही है की उसके शहीद होने के बाद इस धरती की रक्षा कौन करेगा। वह इसलिए क्योकि सब अपना जीवन अपने लिए जीना चाहते है। कोई भी अपना बलिदान देने के लिए तैयार नहीं है। और इसी भाव को जगाने के लिए सैनिक देशवासियों से विनती करते है की उनके जाने के बाद वो डेस्क की रक्षा के लिए अपने कदम आगे बढ़ाये। देश की हिफाजत करना तो हर भारतीय का कर्तव्य है।  वह देशवासियों को यही सिख देना चाह रहे है की अगर तुम्हे देख की भलाई के लिए अपने प्राण देने का अवसर प्राप्त हो तो तुम उसे स्वीकार कर लेना। 

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