अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (Early childhood care and education) का मतलब होता है, बच्चे के शुरुआती समय में उसकी शिक्षा तथा देखभाल। आप सभी ने सुना होगा के बच्चे के सीखने की शुरुआत उसके गर्भ में आते ही हो जाती है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाभारत के अभिमन्यु को माना जाता है। बच्चों को किस उम्र में, किस समय, किस प्रकार की शिक्षा, कैसे देनी चाहिए, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं की बच्चे के 2 साल से लेकर 8 साल तक के उम्र में उन्हें किस तरह की शिक्षा कैसे देनी चाहिए। किस तरह से उनकी देखभाल करनी चाहिए।
क्या होता है अर्ली चाइल्डहुड और अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन:-
अर्ली चाइल्डहुड (Early childhood) का मतलब 2 साल से लेकर 8 साल तक की उम्र होती है। जहां बच्चा जीवन में कुछ भी सीखने की शुरुआत करता है। यह वह समय होता है, जब बच्चे में शिक्षा के नींव का निर्माण होता है।
अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन (Early childhood education) का मतलब होता है, बच्चे की प्रारंभिक शिक्षा। बच्चे के 2 वर्ष के होते ही अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन का प्रारंभ कर दिया जाता है। ताकि वह स्कूल जाने तक अपने जीवन के कई सारे महत्वपूर्ण चीजों से अवगत हो जाए। साथ युवा अपने बेहतरीन जीवन के निर्माण की ओर अग्रसर हो सके।
बच्चे कब से और कैसे सीखना प्रारंभ करते हैं:-
वैसे तो बच्चों में सीखने की छमता गर्भ से ही विकसित होने लगती है। परंतु उनकी वास्तविक शिक्षा 2 वर्ष की आयु से प्रारंभिक हो जाती है। अर्ली चाइल्डहुड पीरियड्स में बच्चों को खेलना बहुत पसंद होता है। इसलिए उन्हें खेल-खेल में ही कई सारी चीजों को पहचानना और साथ ही साथ नंबर समझना तथा लोगों को पहचानना जैसी बातें सिखा दी जाती हैं। इस तरह से बच्चों में सीखने की भावना को खेल के माध्यम से विकसित किया जाता है। साथ ही उन्हें सामाजिक रूप से दूसरे से जुड़ना, नए दोस्त बनाना तथा दोस्तों तथा परिवार से चीजें शेयर करना भी सिखाया जाता है।
अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन की शुरूआत तथा इसकी आवश्यकता:-
अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन की शुरुआत(Early childhood education) के पीछे सबसे बड़ा कारण यही था, कि बच्चे अपने प्रारंभिक समय में सबसे अधिक सीखते हैं। इसे प्रारंभ करने का उद्देश्य यह था कि, बच्चों को शुरुआत में किस तरह से बातों को सिखाया या समझाया जा सके, जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो तथा वे शारीरिक एवम मानसिक रूप से स्वस्थ, सक्षम तथा सामाजिक बन सकें। इस बात को देखते हुए ही अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन की शुरुआत की गई।
अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन को भारतीय सरकार ने इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विस नाम से शुरू किया है। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को स्कूल जाने से पूर्व की सभी शिक्षाएं प्रदान करना है। इसे आंगनबाड़ी केंद्र भी कहा जा सकता है। सरकार द्वारा संचालित आंगन बाड़ियों में इस बात के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाता है, कि वह अर्ली चाइल्डहुड में बच्चों को किस प्रकार के एजुकेशन दें। किस तरह उनका ख्याल रखें तथा किस तरह उनमें सीखने एवं समझने की क्षमता को और विकसित करें।
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किस तरह से बच्चों को अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन दी जाती है:-
इस समय बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं। इसलिए अर्ली चाइल्डहुड में बच्चों को थाली दिखाकर बताया जाता है कि यह गोल है, डिब्बा दिखाकर बताया जाता है कि यह डब्बा है। चांद, तारे, कौन लड़का है और कौन लड़की, कौन बच्चे के माता, पिता, बहन है यह जानकारियां उन्हें बताई जाती हैं। बच्चों के आसपास मौजूद अन्य वस्तुओं या जीवों के जरिए उन्हें बताया जाता है कि उन वस्तुओं या जीवों को क्या कहते हैं। साथ ही साथ बच्चों को खेल-खेल में कई सारे शब्द तथा नंबर या अक्षर सिखाए जाते हैं।
अर्ली चाइल्डहुड में बच्चों की एजुकेशन और केयर के लिए शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाता है। क्योंकि अर्ली चाइल्डहुड में बच्चों को कुछ भी सिखाने के लिए व्यक्ति का रचनात्मक एवं क्रियात्मक होना बहुत ही आवश्यक होता है। क्योंकि इस उम्र के बच्चे एक स्थान पर बैठकर कुछ नहीं सीख सकते। उनका मन एक जगह नहीं लगता। वे निरंतर इधर से उधर जाते रहते हैं।
इसलिए अपनी रचनात्मकता, क्रियात्मक तथा कलात्मकता के जरिए ही उन्हें एक ही स्थान पर रखकर कुछ सिखाया या समझाया जा सकता है। अर्ली चाइल्डहुड वह समय है, जब बच्चे चीजों को सीखना प्रारंभ करते हैं। इसलिए उस समय उन्हें सही तरीके से सही शिक्षा देना बहुत ही आवश्यक होता है।
क्यों जरूरी है अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन(Early childhood care and education) :-
अर्ली चाइल्डहुड का (Early childhood ) समय बच्चों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। यह वह समय होता है जब बच्चा दुनिया को पहचानना सीखता है। इस समय में ही खास तौर पर देखभाल की आवश्यकता पड़ती है। क्योंकि इस समय में बच्चे शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप में कमजोर होते हैं। शोध के मुताबिक बच्चे के दिमाग का 90% विकास 5 साल की उम्र तक हो जाता है।
इसलिए अर्ली चाइल्डहुड के समय में बच्चों को मिली शिक्षा तथा खान-पान का असर उनके बचपन पर ही नहीं बल्कि संपूर्ण जीवन पर असर दिखाता है। कई बार देखा जाता है कि बच्चों को सही खान-पान ना मिलने की वजह से वे जल्द ही बीमारियों का शिकार होने लगते हैं। गरीब बच्चों में देखा होगा आपने प्रथम प्रारंभिक शिक्षा एवं सही खान पान ना मिलने के कारण वे अक्सर अपने स्कूल की पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं।
साथ ही साथ वह अपने साथ के बच्चों से जल्दी घुल मिल भी नहीं पाते है। उनका स्वभाव अंतर्मुखी हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्हें बचपन में ही यह नहीं सिखाया गया है कि उन्हें किस तरह लोगों से घुलना मिलना है या किस तरह उन्हें किसी और से बात करनी है।
बच्चों के स्वभाव को अर्ली चाइल्डहुड में ही विस्तृत रूप दिया जाता है। जिसके कारण वे अपने स्कूल, कॉलेज तथा जीवन में और लोगों से मिलना – जुलना सीखते हैं। बच्चों के स्वभाव तथा उनकी शिक्षा का सबसे प्रारंभिक स्तर अर्ली चाइल्डहुड (Early childhood) में ही विकसित हो जाता है, जो जीवन पर्यंत उनके साथ रहता है। इसलिए इस समय किया गया खान-पान तथा रहन-सहन बच्चों को शरीर को शारीरिक तथा मानसिक रूप से बल प्रदान करता है।
कहां कहां से मिलती है अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन(Early childhood care and education) :-
- अपना घर – अर्ली चाइल्डहुड में बच्चों की एजुकेशन तो सबसे पहले उनके घर से ही शुरू होती है।
- डे केयर सेंटर
- किंडर गार्डन सेंटर
- प्ले स्कूल
यह तो बच्चे के सबसे शुरुआती दौर के लिए है, जबकि बच्चे 2 से 4 साल के रहते हैं। 4 साल के पश्चात बच्चे के लिए
- प्री प्राइमरी तथा प्राइमरी स्कूल( पब्लिक तथा गवर्नमेंट स्कूल)
- ट्यूशन सेंटर से भी चीजें सीखते हैं।
इस तरह से बच्चों के अर्ली चाइल्डहुड केयर और एजुकेशन(Early childhood care and education) उनके जीवन का निर्माण करता है। इसलिए यह जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। सरकार ने भी इस समय में बच्चों की शिक्षा के लिए कई सारी बेहतरीन नीतियों का निर्माण किया है। जिनमें आंगनबाड़ी में बच्चों को पढ़ाने के साथ में नए खेलकूद शिक्षा तथा कई सारे खाने-पीने के सामान भी दिए जाते हैं। जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो इस तरह यहाँ हमने आपको अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन तथा केयर के बारे में सारी जानकारी दे दी है। यदि आपको इस विषय में कुछ और जानना है तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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