यहाँ हमने Class 8 Science Chapter 2 Notes in Hindi दिये है। Class 8 Science Chapter 2 Notes in Hindi आपको अध्याय को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे और आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे।
Class 8 Science Chapter 2 Notes in Hindi
सूक्ष्मजीव:- वे जीव जिन्हें हम अपनी आँखों से देख नहीं सकते है। उन्हें सूक्ष्मजीव कहते है। सूक्ष्मजीक आकार में बहुत छोटे होते है। जिनकी हमारी साधारण आँखों से देखा नहीं जा सकता है ।
सूक्ष्मजीवों को चार वर्गों में बाँटा गया है-
- जीवाणु
- कवक
- प्रोटोजोआ
- शैवाल
Note:- विषाणु (वायरस) भी एक प्रकार का सूक्ष्मजीव होता है। लेकिन यह सूक्ष्मजीवों के 4 वर्गों में नहीं गिना जाता है।
- विषाणु (वायरस) द्वारा होने वाले रोग:- जुकाम, इन्फ्लुएंजा (फ्लू), पोलियों, खसरा आदि
- जीवाणु द्वारा होने वाले रोग:- टायफाइड एंव क्षय रोग
- प्रोटोजोआ द्वारा होने वाले रोग:- अतिसार एवं मलेरिया
सूक्ष्मजीव कहाँ रहते है? → सूक्ष्मजीव मरूस्थल एंव दलदल मे भी पाए जाते है। यह मनुष्य सहीत सभी जन्तुओं के शरीर के अंदर भी पाए जाते है।
सूक्ष्मजीव मित्र के रूप में:-
- सूक्ष्मजीवों का उपयोग दही, ब्रेड तथा केक बनाने में किया जाता है।
- सूक्ष्मजीवों की मदद से बहुत सारी दवाईयाँ बनाई जाती है।
- सूक्ष्मजीवो का उपयोग एल्कोहॉल बनाने में किया जाता है।
- सूक्ष्मजीवों का उपयोग पर्यावरण को स्वच्छ रखने में किया जाता है।
दही मे पाया जाने वाला जीवाणु लैक्टोबेसिलस है। जो दूध को दही में बदल देता है।
किण्वन या फर्मेटेशन:- चीनी के एल्कोहॉल में परिवर्तन की यह प्रक्रिया ‘किण्वन अथवा फर्मेटेशन” कहलाता है।
लुई पाश्चर ने किण्वन की खोज 1857 में की।
प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक:- वह औषधि जो बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देती है। अथवा उनकी वृद्धि को रोक देती है। उन्हें ‘प्रतिजैविक या एंटीबायोटिक’ कहते है ।
उपयोग:-
- पशुओं में सूक्ष्मजीवों का संचरण रोकना ।
- प्रतिजैविक का उपयोग कुछ पौधों के रोग नियंत्रण के लिए भी किया जाता है।
वैक्सीन (टीका)
- वैक्सीन सूक्ष्मजीवों की बनी होती है। वैक्सीन के टिके का प्रयोग आमतौर पर हैजा, क्षय, चेचक तथा हैपेटाइटिस जैसी अनेक बीमारियों को रोकने के लिए किया जाता है।
- हमारा शरीर अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता रखता है। जब कोई भी सूक्ष्मजीव जब हमारे शरीर में प्रवेश करता है तो हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उसको बढ़ने से रोकती है।
- वैक्सीन टीके के अन्दर मृत अवस्था में सूक्ष्मजीव पाए जाते है जिससे शरीर उन्हें पहले ही समझ लेता है और दोबारा आने वाले सूक्ष्मजीवों को मार देता है जिससे बिमारी खत्म हो जाती है।
एडवर्ड जेनर ने चेचक के लिए? 1798 में चेचक के टीके कीड खोज की थी।
हानिकारक सूक्ष्मजीव
कुछ सूक्ष्मजीव मनुष्य, जतुओं एव पौधों में रोग उत्पन्न करते है। रोग उत्पन्न करने वाले ऐसे सूक्ष्मजीवों को ‘रोगाणु या रोगजनक ” कहते है।
- सूक्ष्मजीव हमारे शरीर में बहुत सारी बिमारियाँ पैदा करते है।
- सूक्ष्मजीव हमारे खाने को खराब कर देते है।
- सूक्ष्मजीव पौधो में रोग उत्पन्न कर देते है।
मनुष्य में रोगकारक सूक्ष्मजीव
सूक्ष्मजीवों द्वारा होने वाले ऐसे रोग जो एक संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में वायु, जल, भोजन अथवा कायिक संपर्क द्वारा फैलते है, ‘संचरणीय रोग’ कहलाते है।
उदाहरण:- हैजा, सर्दी-जुकाम, चिकनपॉक्स एंव क्षय रोग |
मलेरिया परजीवी का वाहक मादा एनॉफ्लीज मच्छर है। डेंगू के वायरस का वाहक मादा एडीस मच्छर है।
मानव रोग | रोगकारक सक्ष्मजीव | संचरण का तरीका | बचाव के सामान्य उपाय |
---|---|---|---|
क्षय रोग खसरा चिकनपॉक्स पोलियो | जीवाणु वायरस वायरस वायरस | वायु वायु वायु वायु/जल | रोगी व्यक्ति को पूरी तरह से अन्य व्यक्तियों से अलग रखना । उचित समय पर टिकाकरण। |
हैजा टाइफायड | जीवाणु जीवाणु | वायु/भोजन जल | व्यक्तिगत स्वच्छता व अच्छी आदतों को अपनाना। |
हैपेटाइटिस ए | वायरस | जल | उबले हुए पेय जल का प्रयोग |
मलेरिया | प्रोटोजोआ | मच्छर | मच्छरदानियों का प्रयोग, मच्छर भगाने वाले रसायन का प्रयोग |
जंतुओं में रोगकारक जीवाणु:- एंथ्रेक्स मनुष्य एंव मवेशियों में होने वाला भयानक रोग है। जो जीवाणु द्वारा होता है।
सूक्ष्मजीवों द्वारा पौधों में होने वाले कुछ सामान्य रोग
पादप रोग | सूक्ष्मजीव | संचरण का तरीका |
---|---|---|
नींबू कैंकर | जीवाणु | वायु |
गेहूँ की रस्ट | कवक | वायु एवं बीज |
भिंडी की पीत | वायरस | कीट |
खाद्य सामग्री को बचाने के तरिके:-
- नमक और खाद्य तेल का उपयोग सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने के लिए किया जाता है। हम इसे अचार बनाने में प्रयुक्त करते है।
- नमक भोजन को लंबे समय तक सूक्ष्मजीवों के प्रभाव से सुरक्षित रख सकता है।
- हम खाने को गरम और ठंडा करके भी सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोक देते है।
- हम खाने को सुरक्षित रखने के लिए वायुरोधी शील वाले पैक्टो का प्रयोग करते है।
परिरक्षक– नमक एंव खाद्य तेल का उपयोग सूक्ष्मजीवों की वृद्धि को रोकने के लिए सामान्य रूप से किया जाता है। अतः इन्हें ‘परिरक्षक’ कहते है।
नाइट्रोजन चक्र:- नाइट्रोजन का वायुमण्डल से मृदा, पौधे तथा जन्तुओं में परिवहन की सम्पूर्ण प्रक्रिया को नाइट्रोजन चक्र’ कहते है ।
Class 8 Science Chapter 1 Notes in Hindi
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