Class 12 Chemistry Chapter 8 Notes in Hindi । ऐल्डिहाइड, किटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल नोट्स

यहाँ हमने Class 12 Chemistry Chapter 8 Notes in Hindi दिये है। Class 12 Chemistry Chapter 8 Notes in Hindi आपको अध्याय को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेंगे और आपकी परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे।

Class 12 Chemistry Chapter 8 Notes in Hindi

कार्बोनिल यौगिक:- वे यौगिक जिनमें कार्बोनिल समूह (>C=0) उपस्थित होता है, कार्बोनिल यौगिक कहलाते हैं।

  • इनका सामान्य सूत्र CnH2nO होता है।
  • CHO समूह युक्त यौगिक ऐल्डिहाइड तथा >c=0 समूह युक्त यौगिक कीटोन कहलाते है।

ऐल्डिहाइड एवं कीटोन के निर्माण की विधियां :-

(1) ऐल्कोहॉलो के बिहाइड्रोजनीकरण द्वारा:

ऐल्डिहाइड एवं कीटोन के निर्माण की विधियां

(2) कार्बोक्सिलिक अम्ल के Ca लवण के शुष्क आसवन से –

कार्बोक्सिलिक अम्ल के Ca लवण के शुष्क आसवन

(3) ऐल्कोहॉलो के ऑक्सीकरण द्वारा –

(a) (k2Cr207 + H2SO4) द्वारा: –

(k2Cr207 + H2SO4) द्वारा

(b) PDC/PCC के द्वारा –

(b) PDC/PCC के द्वारा -

(4) कार्बोक्सिलिक अम्ल के उत्प्रेरकी अपघटन द्वारा –

 कार्बोक्सिलिक अम्ल के उत्प्रेरकी अपघटन द्वारा

(5) रोजेनमुण्ड अपचयन द्वारा –

रोजेनमुण्ड अपचयन द्वारा

(6) LiAlH4 के अपचयन द्वारा –

LiAlH4 के अपचयन द्वारा

ऐल्डिहाइड एवं कीटोनो के भौतिक गुण :

  • सभी कार्बोनिल यौगिक कार्बनिक विलायको में सरलता से विलेय हो जाते हैं।
  • ऐल्डिहाइड एवं कीटोन के क्वथनांक, हाइड्रोकार्बन एवं ईथर के सापेक्ष अधिक परन्तु ऐल्कोहॉलो से कम होते हैं।
  • ऐल्डिहाइड एवं कीटोन के निम्र सदस्य C10 तक रंगहीन तथा वाप्पशील द्रव होते है, जबकि सामान्य ताप पर फार्मेल्डिहाइड एक गैस होती है। दोनों के उच्च सदस्य ठोस ऐव फलो की सुगन्ध वाले होते हैं।

ऐल्डिहाइड एवं कीटोन के रासायनिक गुण –

(i)ग्रिगनाई अभिकर्मक से क्रिया:-

ग्रिगनाई अभिकर्मक से क्रिया

(2) NaHSO3 का योग-

NaHSO3 का योग-

(3) HCN का योग –

HCN का योग

(4) अमोनिया से क्रिया –

HCHO, NH3 से क्रिया करके हेक्सामेथिलीन टेट्रा ऐगीन बनाता है, जिसे यूरोट्रोपीन कहते हैं।

अमोनिया से क्रिया

(5) क्लीमेन्सन अपचयन –

क्लीमेन्सन अपचयन

(6) फेहलिग विलपन द्वारा आक्सीकरण –

फेहलिग विलपन द्वारा आक्सीकरण

=>कीटोन यह परीक्षण नहीं देता है।

(7) कैनीजारो अभिक्रिया ( α H नहीं होता है)

कैनीजारो अभिक्रिया

(8) ऐल्डोल संघनन ( α H उपस्थित होता है)

ऐल्डोल संघनन

(9) जल का योग

जल का योग

फॉर्मेल्डिहाइड [HCHO] / मेथेनल

प्रयोगशाला विधि:- प्रयोगशाला मे मेथिल एल्कोहॉल की वाष्प तथा वायु के मिश्रण को 250-300°C ताप पर प्लेटिनीकृत ऐस्बेस्टॉस उत्प्रेरक पर प्रवाहित करने पर मेथिल एल्कोहॉल, फार्मेल्डिहाइड में आवसीकृत हो जाता है।

फॉर्मेल्डिहाइड [HCHO] / मेथेनल
प्रयोगशाला में फार्मेल्डिहाइड का निर्माण

भौतिक गुण :

  • जल में बहुत अधिक घुलनशील है।
  • यह प्रबल संक्रमण नाशक होती है।
  • HCHO एक रंगहीन व तीक्ष्ण गंध वाली गैस है।
  • HCHO को सूघने पर आंद व नाक में जलन होती है।

रासायनिक गुण :

(1) NaHS03 से क्रिया –

NaHS03 से क्रिया

(2) कास्टिक सोडे के साथ अभिक्रिया : [कैनीजारो अभिक्रिया)

कास्टिक सोडे के साथ अभिक्रिया

(3) HCN से क्रिया-

HCN से क्रिया

(4) अमोनिया से क्रिया –

अमोनिया से क्रिया

उपयोग :

  • प्लास्टिकों के निर्माण में।
  • फार्मेलीन के रूप में परिरक्षक की भांति उपयोगी है।
  • यूरोट्रोपीन बनाने में।
  • रजत दर्पन बनाने में ।

ऐसीटैल्डिहाइड [CH3CHO] या ऐथेनल

प्रयोगशाला विधि:- प्रयोगशाला में एथिल एल्कोहॉल का अम्लीय पोटैशियम डाइक्रोमेट द्वारा ऑक्सीकरण करने पर ऐसीटैडिहाइड प्राप्त होता है।

ऐसीटैल्डिहाइड [CH3CHO] या ऐथेनल

औद्योगिक विधि –

औद्योगिक विधि -

भौतिक गुण :

  • यह जल व कार्बनिक विलायको में घुलनशील होता है।
  • यह एक रंगहीन व तीक्ष्न गंध वाला द्रव है।
  • यह वाप्पशील व ज्वलनशील होती है।
  • इसका क्वथनांक 294K होता है।

रासायनिक गुण:-

(1) अपचायक गुण –

(1) अपचायक गुण -

(2) आयोडोफार्म अभिक्रिया –

आयोडोफार्म अभिक्रिया

उपयोग :

  • कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में।
  • नाक की बीमारी में सुघने के लिए।
  • रंजक व औषधियों के निर्माण में
  • नींद की औषधी बनाने में ।

बेन्ज़ैडिहाइड [C6H5CHO]

बनाने की विधि –

बेन्जिल ऐल्कोहॉल के ऑक्सीकरण से –

बेन्जिल ऐल्कोहॉल के ऑक्सीकरण से -

रासायनिक गुण –

(I) ऐल्कोहॉलिक KCN से क्रिया –

ऐल्कोहॉलिक KCN से क्रिया

(II) टॉलेन अभिकर्मक से क्रिया –

टॉलेन अभिकर्मक से क्रिया

(III) KOH से क्रिया –

KOH से क्रिया

(IV) NaOH से क्रिया –

NaOH से क्रिया

ऐसीटोन [CH₂- CO – CH3] या प्रोपेनोन

प्रयोगशाला विधि:- प्रयोगशाला में शुष्क कैल्सियग ऐसीटेट को गर्म करने पर एसीटोन प्राप्त होता है।

ऐसीटोन [CH₂- CO - CH3] या प्रोपेनोन
प्रयोगशाला में ऐसीटोन का निर्माण

औद्योगिक विधि :-

औद्योगिक विधि :-

भौतिक गुण :

  • यह वाष्पशील व ज्वलनशील होती है।
  • जल व कार्बनिक विलायको में घुलनशील है।
  • यह एक रंगहीन व मधुर गंध वाला द्रव है।
  • यह जल से हल्का होता है।

रासायनिक गुण –

(I) NH3 से क्रिया –

NH3 से क्रिया

(II) क्लोरोफार्म से क्रिया –

क्लोरोफार्म से क्रिया

(III) हाइड्राक्सिल एमीन से क्रिया –

हाइड्राक्सिल एमीन से क्रिया

(IV) PCl5 से क्रिया –

PCl5 से क्रिया

(V) H2SO4 से क्रिया –

H2SO4 से क्रिया

(VI) CaOCl2 से क्रिया –

CaOCl2 से क्रिया

उपयोग :

  • कार्बनिक विलायक के रूप में ।
  • क्लोरोफार्म के निर्माण में ।
  • कृत्रिम इत्र व रबर बनाने में।
  • रंजको के निर्माण में ।
  • औषधियों के निर्माण में ।

कार्बोक्सिलिक अम्ल

वे कार्बनिक यौगिक जिनमें कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH)क्रियात्मक समूह के रूप में उपस्थित होता है, कार्बोक्सिलिक अम्ल कहलाते है। इनकी अम्लीयता COOH समूह में उपस्थित – OH के कारण होती है।

उदा० – CH3COOH, HCOOH, C6H5COOH

IUPAC पद्धति:- इसमें एल्किल कार्बोक्सिलिक अम्लो का नाम ऐल्केनोइक अम्ल दिया जाता है।

कार्बोक्सिलिक अम्ल
  • HCOOH → मेथेनोवक अम्ल
  • CH3COOH →ऐथेनोरक अम्ल
  • CH3CH2 COOH → प्रोपेनोरक अम्ल
  • CH3 -CH2 – CH2 – COOH → ब्यूटेनोरक अम्ल

भौतिक गुण –

  • सभी कार्बोक्सिलिक अम्ल के सोडियम लवण जल में विलेय होते है।
  • कार्बोक्सिलिक अम्ल के अणु परस्पर हाइड्रोजन बन्ध बनाकर जुड़ जाते है, इसीलिए ये ठोस, द्रव तथा गैसीप अवस्था में भी सामान्यता द्विअणु अवस्था में ही रहते है।
  • कार्बोक्सिलिक अम्ल जल में हाइड्रोजन बन्ध के कारण विलेय है। परन्तु R समूह का आकार बढ़ने पर विलेयता बढ़ती है।

कार्बोक्सिलिक अम्ल के निर्माण की विधियां-

(1) ऐल्कोहॉल, एल्डिहाइड व कीटोन के ऑक्सीकरण द्वारा:

ऐल्कोहॉल, एल्डिहाइड व कीटोन के ऑक्सीकरण द्वारा

Note → HCOOH को आवसीकारक विधि द्वारा नहीं बनाया जा सकता हैं।

(2) ग्रिगनाई अभिकर्मक द्वारा –

ग्रिगनाई अभिकर्मक द्वारा

इस विधि से HCOOH नहीं बनता है।

(3) RCN के जल अपघटन द्वारा :

RCN के जल अपघटन द्वारा

(4) ऐस्टर के जल अपघटन द्वारा –

ऐस्टर के जल अपघटन द्वारा

(5) बेंजीन की फ्रीडल क्राफ्ट अभिक्रिया द्वारा –

बेंजीन की फ्रीडल क्राफ्ट अभिक्रिया द्वारा

कार्बोक्सिलिक अम्ल की रासायनिक अभिक्रियाएं

(1) क्षार से क्रिया –

क्षार से क्रिया

(2) धातु कार्बोनेट से क्रिया –

धातु कार्बोनेट से क्रिया

(3) धातु बाइकार्बोनेट से क्रिया –

धातु बाइकार्बोनेट से क्रिया

(4) ग्रिगनाई अभिकर्मक से क्रिया –

ग्रिगनाई अभिकर्मक से क्रिया

(5) धातुओ से क्रिया-

धातुओ से क्रिया

(6) एस्टरीकरण –

एस्टरीकरण

(7) PCl5 से क्रिया –

PCl5 से क्रिया

(8) SOCl2 से क्रिया –

SOCl2 से क्रिया

(9) विकार्बोकिस्लीकरण

विकार्बोकिस्लीकरण

(10) शिमट अभिक्रिया –

शिमट अभिक्रिया

फार्मिक अम्ल [HCOOH]

प्रयोगशाला विधि:- प्रयोगशाला में ग्लिसराल को क्रिस्टलीय ऑक्सेलिक अम्ल के साथ 1100c पर गर्म करके फार्मिक अम्ल किया जाता है।

फार्मिक अम्ल [HCOOH]
फार्मिक अम्ल [HCOOH]
प्रयोगशाला में फार्मिक अम्ल का निर्माण

भौतिक गुण :-

  • यह तीक्ष्ण गंध युक्त रंगहीन द्रव है।
  • यह जल तथा एल्कोहॉल में विलेप है।
  • इसका क्वथनांक 1010C है।

रासायनिक गुण –

(1) एथिल ऐल्कोहॉल से क्रिया –

एथिल ऐल्कोहॉल से क्रिया

(2) NH3 से क्रिया –

NH3 से क्रिया

(3) अपचायक गुण –

(a) टालेन अभिकर्मक से क्रिया – रजत दर्पण बनता है।

टालेन अभिकर्मक से क्रिया

(b) फेहलिग विलयन से क्रिया – Cu2O का लाल अवक्षेप मिलता है ।

फेहलिग विलयन से क्रिया

उपयोग –

  • अपचायक के रूप में।
  • किण्वन की क्रिया में।
  • जीवाणुनाशक के रूप में ।

एसीटिक एसिड (CH3COOH)

बनाने की विधियां:-

(1) मेथिल सायनाइड के जल अपघटन द्वारा –

मेथिल सायनाइड के जल अपघटन

(2) एस्टर के जल अपघटन द्वारा –

एस्टर के जल अपघटन

(3) एथिल एल्कोहॉल के ऑक्सीकरण से –

एथिल एल्कोहॉल के ऑक्सीकरण

औद्योगिक विधियां –

(1) एसीटिलीन द्वारा –

एसीटिलीन

(2) पाइरोलिग्नियस अग्ल से:-

लकड़े के भंजक आसवन द्वारा प्राप्त सफेद रंग का जलीय विलयन पाइरोलिग्नियस अग्ल कहलाता है। जिसमे 8-10% CH3COOH पाया जाता है ।

पाइरोलिग्नियस अग्ल

(3) शीघ्र सिरका विधि:- इस विधि में एथिल एल्कोहॉल या गन्ने के रस को माइकोडर्मा एसीटी जीवाणु द्वारा किवन से सिरका बनता है। जिसमे 6-10% CH3COOH होता है

शीघ्र सिरका विधि
शीघ्र सिरका विधि

भौतिक गुण –

  • यह तीक्ष्ण गंध युक्त रंगहीन द्रव है।
  • इसका क्व्थनांक 118°C है।
  • यह जल, एल्कोहॉल व ईथर में विलेय है।

रासायनिक गुण –

(1) ताप का प्रभाव –

ताप का प्रभाव

(11) शिमट अभिक्रिया –

शिमट अभिक्रिया

उपयोग –

  • प्रयोगशाला में अभिकर्मक व विलायक के रूप में।
  • सिरके के रूप में घरेलू उपयोग
  • सेल्यूलॉज एस्टर व एस्टर के निर्माण में।
  • विभिन्न कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में।

Chapter 7 – ऐल्कोहॉल, फीनॉल व ईथर
Chapter 9 – एमीन

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